विवाह के समय वर-वधू का गठबंधन करना क्यों आवश्यक है ?

ज्योतिर्विद् पंडित कपिल जोशी  ने बताया हिंदू शास्त्रों के अनुसार सनातन धर्म में विवाह संस्कार का प्रतीक रूप गठबंधन है विवाह के समय या फिर लेते समय वर के कंधे पर सफेद दुपट्टा रखकर वधू की साड़ी के पल्लू के साथ बांध दिया जाता है यही गठबंधन है जिसका अर्थ यह है कि अब दोनों एक दूसरे से जीवन भर के लिए बंध गए हैं गठबंधन के समय वर के पल्ले में सिक्का हल्दी पुष्प दुर्वा और अक्षत रखकर  गांठ बांधी जाती है
सिक्का 
 जिसका अर्थ यह है कि धन पर किसी एक का पूर्ण अधिकार नहीं होगा बल्कि खर्च करने में दोनों की सहमति आवश्यक है 5
पुष्प
 पुष्प का अर्थ है कि वर वधू जीवन भर एक दूसरे को देखकर प्रसन्न रहें
हल्दी 
हल्दी आरोग्यता का प्रतीक है  हल्दी जीवन में आने वाली विधाओं का हरण करें जिस प्रकार चौक चौखट पर हल्दी का चक्कर बनाने से जीव जंतु कीड़े मकोड़े नहीं आते हैं उसी प्रकार वर वधु के गट जोड़े में हल्दी रखने मैं यह अभाव रहता है कि इनके जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट ना आए और इनका जीवन सुख में रहें 
दूर्वा
दूर्वा का अर्थ यह जानना चाहिए कि नव दंपति जीवन भर कभी ना  मुरझाए जाएं बल्कि  दूर्वा की तरह सदैव हरे भरे रहें 
 अक्षत 
अर्थात यह संदेश देता है जो कमाई उसे अकेले नहीं बल्कि मिलजुल कर खाएं परिवार और समाज के प्रति सेवा भाव रखें अक्षत अन्नपूर्णा माता जी का प्रतीक है अर्थात घर में अन्न का भंडार भरा रहे जिससे परिवार के लोग कभी भूखे ना रहे धर्म एवं ज्योतिष से संबंधित रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियां प्राप्त करने के लिए हमारे ब्लॉग को नित्य पढ़ते रहे
ज्योतिर्विद् पंडित कपिल जोशी
Sangrur .Pb 148001
Mob.     9814836930
              7986237982

Comments

Unknown said…
Contact number thek kro joshi ji

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