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दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त

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ज्योतिर्विद् पंडित कपिल जोशी ने बताया की शास्त्रानुसार  इ स वर्ष विक्रमी संवत सर 2079 शक 1944 कार्तिक मासे कृष्ण पक्षे  श्री महालक्ष्मी पूजन एवं दीपावली का महापर्व कार्तिक अमावस्य में प्रदोष काल एवं अर्धरात्रि व्यापिनी हो तो विशेष रूप से शुभ होती है लक्ष्मी पूजन दीप दान आदि के लिए प्रदोष काल की विशेषता शुभ माना गया है प्रस्तुत वर्ष कार्तिक अमावस 24 अक्टूबर सोमवार 2022 ईस्वी को साया 17 घंटे 28 मिनट बाद प्रदोष निशथ तथा महानिशथ  व्यापिनी होगी अतः दीपावली पर्व 24 अक्टूबर सोमवार 2022 इसवी  के दिन ही होगा साया दीपावली पर्व चित्रा नक्षत्र कन्या राशि  तथा अर्ध रात्रि व्यापिनी अमावस्या युक्त होने से शुभ एवं लाभप्रद रहेगी प्रदोष काल 24 अक्टूबर 2022 को  सूर्य अस्त के उपरांत 2 घंटे 36 मिनट तक यानी की रात्रि के 8:19 तक प्रदोष काल व्याप्त रहेगा इस दिन अमावस्या तिथि 24 अक्टूबर को साईं 5:28 पर प्रारंभ हो रही है शाम को 6:53 तक मेष लग्न है प्रदोष काल आरंभ होते ही चर की चौघड़िया शाम 19:20 तक रहेगी  चर  की चौघड़िया में ही श्री गणेश पूजन गणपति पूजन लक्ष्मी पूजन आरंभ कर लेना चाहिए इसी काल में द

करवा चौथ की कथा एवं पूजन का शुभ मुहूर्त कब

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ज्योतिर्विद् पंडित कपिल जोशी ने बताया की शास्त्रानुसार  इ स वर्ष विक्रमी संवत सर 2079 शक 1944 कार्तिक मासे कृष्ण पक्षे बृहस्पतिवार को चतुर्दशी तिथि कृतिका नक्षत्र सिद्धि योग एवं बब करण 13 अक्टूबर 2022 ईस्वी को करवा चौथ का व्रत सुहागन स्त्रियों द्वारा अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए श्रद्धा भावना के साथ मनाया जाएगा इस दिन सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी आयु के लिए शिव गोरा एवं भगवान गणपति जी की विषकर पूजा अर्चना करती हैं प्रातः काल सभी औरतें अपने घरों में तारों की छांव में स्नान आदि से निर्मित होकर ज्योति प्रज्वलत करने के उपरांत गणेश जी एवं माता गौरी की पूजा करके व्रत का आरंभ करती हैं एवं अपरांत काल में सभी सुहाग ने एक जगह एकत्रित होकर करवा चौथ की कथा का श्रवण करती है एवं अपने-अपने करवा का पूजन विधि विधान से करती हैं रात्रि काल में 8:35 पर चंद्रदेव के उदय होते ही चंद्रमा को जल अर्पण करने के उपरांत अपने पतिदेव के दर्शन छलनी में करती हैं तथा उसके बाद ही भोजन ग्रहण करती हैं ऐसी प्रथा हमारे भारत में सदियों से चली आ रही है  करवा पूजन एवं कथा करने का शुभ मुहूर्त 13 अक्ट

जाने बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती पूजन का शुभ मुहूर्त

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ज्योतिषाचार्य पंडित कपिल जोशी ने बताया की इस वर्ष विक्रमी संवत सर 2078 को माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा यह पर्व 5 फरवरी 2022 दिन शनिवार को मनाया जाएगा इस दिन विशेष रुप से विद्या की देवी माता सरस्वती जी का पूजन किया जाता है विशेष रुप से हमारे शहर में संगरूर में बसंत पंचमी का उत्सव बड़ी धूमधाम से पतंग उड़ा कर मनाया जाता है बच्चे सुबह से ही अपने घरों की छतों पर पतंग उड़ाने का आनंद लेते हैं यह गीत संगीत के साथ साईं काल तक चलता रहता है  माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विद्या और कला की देवी सरस्वती जी की पूजा का विधान है। बसंत पंचमी से वसंतोत्सव की शुरुआत हो जाती है। ये वसंतोत्सव होली तक चलता है । इस उत्सव को मदनोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है । इस उत्सव की शुरुआत रतिकाम महोत्सव से होती है। इस साल बसंत पंचमी का पर्व 5 फरवरी 2022 को मनाया जाएगा शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती जी का आगमन हुआ था इसलिए बसंत पंचमी को विद्या की देवी माता सरस्वती जी के दि