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Showing posts from August, 2020

विचित्रयोग इसवर्ष श्राद्धपक्ष शुक्लपक्ष से आरंभ होगा जाने आपके पूर्वजों के निमित्त किस दिन करें श्राद्ध

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ज्योतिर्विद्  पंडित   कपिल    जोशी   ने बताया कि इस  वर्ष विक्रमी संवतसर 2077 को श्राद्ध पक्ष अश्विनी शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि से आरंभ हो रहे हैं यानी 1 सितंबर दिन मंगलवार तिथि चतुर्दशी जो 9:39 तक रहेगी उसके उपरांत आप लोग पूर्णमासी का  श्राद्ध कर सकते हैं  ज्योतिर्विद्  पंडित   कपिल   जोशी ने बताया कि शास्त्र अनुसा  इस वर्ष पूर्णिमा का श्राद्ध एक पावन श्राद्ध है इसे पूर्णिमा के दिन करने का शासन नियम है क्योंकि इस वर्ष  पूर्णिमा तिथि का श्राद्ध   1 सितंबर 2020 ईस्वी को  अपराहन काल व्यापिनी है अतः  पूर्णिमा का श्राद्ध इस वर्ष इस दिन ही होगा यहां यह भी बताना चाहते हैं कि अगले दिन,,   प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध 2 सितंबर दिन बुधवार 2020 को यह पूर्णिमा तिथि अपराहन से काफी पहले ही  सुबह 10:51 समाप्त हो जाती है इसलिए इसी दिन प्रतिपदा का श्राद्ध  करना चाहिए 3 सितंबर 2020 को प्रतिपदा अप वाहन से पूर्व 12  घंटे 27 मिनट पर ही समाप्त हो जाती है इस दिन अप वाहन काल 13 घंटे 37 मिनट से 16 घंटे 8 मिनट तक रहेगा अतः इस दिन प्रतिपदा तिथि  इसे स्पर्श भी नहीं कर सकती दितीय का श्राद्ध   3 सितंबर 20

श्री सत्यनारायण व्रत की कथा एवं पूजा की विधि

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आज हम आपको बताने जा  रहे हैं कि श्री सत्यनारायण व्रत की कथा एवं व्रत करने से पहले पूजन की सामग्री क्या होनी चाहिए केले के खंबे आम के पत्ते तुलसी के पत्ते मौसम के अनुसार फल धूप रोली मौली कपूर दीपक श्रीफल पुष्प पुष्पमाला गुलाब के फूल पंच रतन पंच पल्लव चावल पंचामृत नवेद कलावा  यज्ञोपवीत पान के पत्ते  श्री सत्यनारायण व्रत के पूजा की विधि व्रत करने वाला पूर्णिमा एवं संक्रांति के दिन साईं काल के समय स्नान आदि से निर्मित होकर पूजा स्थान में आसन पर बैठकर श्री गणेश गौरी वरुण विष्णु आदि सभी देवताओं का ध्यान करके पूजन करें और संकल्प करें कि मैं श्री सत्यनारायण स्वामी का पूजन एवं कथा श्रवण सदैव करूंगा पुष्पा हाथ में लेकर श्री सत्यनारायण भगवान जी का ध्यान करें यगोपवित पुष्प नवीन आदि से युक्त होकर भगवान की स्तुति करें हे भगवान मैंने श्रद्धा पूर्वक फल जल आदि सब सामग्री आपके चरणो में अर्पण की है इसे स्वीकार कीजिए आपदाओं से मेरी रक्षा कीजिए मेरा आपको बारंबार नमस्कार है इसके उपरांत श्री सत्यनारायण जी की कथा पढ़ें अथवा श्रवण करें   श्री सत्यनारायण जी की व्रत कथा प्रथम अध्याय एक समय नैमिषारण्य

पुरुपुरुषोत्तम मास में करें भगवान विष्णु की पूजा माता लक्ष्मी होगी प्रसन्न आप पर

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  पुरुषोत्तममास  ज्योतिर्विद् पंडित   कपिल जोशी  इस वर्ष पुरुषोत्तम मास अश्विनी शुक्ल पक्ष 18 सितंबर 2020 दिन शुक्रवार से  आरंभ होकर कृष्ण पक्ष 16 अक्टूबर दिन शुक्रवार 2020 तक रहेगा   पुरुषोत्तम मास का महत्व    इस मास की मलमास की दृष्टि से जैसे निंदा है पुरुषोत्तम मास की दृष्टि से इस की बड़ी महिमा है  अधिमास   ने तपस्या कर भगवान श्री हरि विष्णु से उनका  पुरुषोत्तम नाम प्राप्त किया था भगवान  ने इसको अपना नाम देकर कहा है कि अब मैं इस मास का स्वामी हो गया हूं और इसके नाम से सारा जगत पवित्र होगा तथा मेरी सदस्यता को प्राप्त करके यह मास अन्य सब मांसो का अधिपति होगा यह जगत पूज्य पुरुषोत्तम मास के नाम से जाना जाएगा और जगत का वंदनीय होगा और यह पूजा करने वाले सब लोगों के दरिद्रता का नाश करने वाला होगा जो भगवान विष्णु की  अर्थात मेरी पूजा करता है  उस पर भगवती श्री महालक्ष्मी  जी की  अनंत कृपा दृष्टि  सदैव रहती है इस मास नियम पूर्वक  रहकर भगवान विष्णु एवं शिव की पूजा-अर्चना करने से अलौकिक अध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होती है तथा मृत्यु के बाद किसी प्रकार की अधोगति का भय नहीं रह