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दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त 2023

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ज्योतिर्विद पंडित कपिल जोशी ने बताया कि शास्त्र के अनुसार इस वर्ष विक्रम संवत्सर 2080   कार्तिक मास कृष्ण पक्ष स्वाति नक्षत्र तुला राशि  चंद्रमा अमावस्या तिथि 12 नवंबर 2023 दिन रविवार को हर्षोल्लास के साथ दीपावली का पर्व मनाया जाएगा श्री महालक्ष्मी पूजन एवं दीपावली का महापर्व कार्तिक अमावस में प्रदोष काल एवं अर्धरात्रि व्यापिनी हो तो विशेष रूप से शुभ होती है प्रस्तुत वर्ष कार्तिक अमावस 12 नवंबर रविवार 2023  को दोपहर 14 घंटे 45 मिनट बाद प्रदोष कॉल   निशीथ काल   महा निशीथ काल व्यापिनी   दीपावली पर 12 नवंबर रविवार 2023  के दिन ही होगा संध्याकाल दीपावली पर स्वाति नक्षत्र सौभाग्य योग तुला राशि चंद्र तथा अर्धरात्रि व्यापिनी अमावस्या युक्त होने से विशेष एवं शिलांग्या रहेगी   दीपावली दिन के कृत्य इस दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर दैनिक कृतियों से निवृत हो पितृ गण तथा देवताओं का पूजन करना चाहिए संभव हो तो दूध दही और घृत से पितरों का पूजन करना चाहिए यदि संभव हो तो एक भक्त उपवास कर गोधूलि बेला में अथवा   2 अथवा 5 स्थिर लग्न में  श्री गणेश कलश  मातृका एवं गृह पूजन पूर्वक भगवती लक्

64 योगिनी माता जी के विषय में विशेष जानकारी

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चौंसठ योगिनी मंदिर में कौन कौन सी योगिनियां हैं?  चौसठ योगिनी मंदिर या चौंसठ योगिनियां प्रायः आदिशक्ति मां काली का अवतार या अंश होती हैं। घोर नामक दैत्य के साथ युद्ध करते हुए माता ने उक्त 64 अवतार लिए थे। यह भी माना जाता है कि ये सभी माता पार्वती की सखियां हैं। इन 64 देवियों में से 10 महाविद्याएं और सिद्ध विद्याओं की भी गणना की जाती है। ये सभी प्रायः आद्य शक्ति काली के ही भिन्न-भिन्न अवतारी अंश हैं। कुछ लोग कहते हैं कि समस्त योगिनियों का संबंध मुख्यतः काली कुल से हैं और ये सभी तंत्र तथा योग विद्या से घनिष्ठ सम्बन्ध रखती हैं।  समस्त योगिनियां अलौकिक शक्तिओं से सम्पन्न हैं तथा इंद्रजाल, जादू, वशीकरण, मारण, स्तंभन इत्यादि कर्म इन्हीं की कृपा द्वारा ही सफल हो पाते हैं। प्रमुख रूप से आठ योगिनियों के नाम इस प्रकार हैं: 1. सुर-सुंदरी योगिनी,  2. मनोहरा योगिनी,  3. कनकवती योगिनी,  4. कामेश्वरी योगिनी,  5. रति सुंदरी योगिनी,  6. पद्मिनी योगिनी,  7. नतिनी योगिनी और  8. मधुमती योगिनी चौंसठ योगिनियों के नाम :-  1.बहुरूप, 2.तारा, 3.नर्मदा, 4.यमुना, 5.शांति, 6.वारुणी 7.क्षेमंकरी, 8.ऐन्द्

17 जून से शनिदेव होंगे वक्री ! जानिए आपकी राशि पर इसका क्या प्रभाव रहेगा ?

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 ज्योतिषाचार्य पंडित  कपिल जोशी जी ने बताया कि शास्त्रअनुसार शनि ग्रह 17 जनवरी से ही कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं। इस दौरान 30 जनवरी को अस्त होकर 6 मार्च को उदय हुए थे। अब वे  17 जून 2023  की रात 10 बजकर 48 मिनट पर अपनी वक्री चाल चलेंगे। 4 नवंबर 2023 को प्रातः: 8:26 बजे तक वक्री रहकर एक बार पुनः मार्गी हो जाएंगे। इस वर्ष शनि के राशि परिवर्तन करने से 12 राशियों पर  इसका  प्रभाव पड़ेंगे, लेकिन 2023 में जून में शनि विपरीत चाल चलेंगे,  17 जून  को शनि वक्री होंगे, शनि के वक्री होने से कई राशियों के लिए कुछ अच्छा तो कुछ बुरे का भी सामना करना पड़ेगा। शनि वक्री अवस्था में 4 नवंबर तक रहेंगे और फिर मार्गी होंगे। शनिदेव बकरी होने से बलशाली हो जाता है और उसका प्रभाव राशियों पर बहुत बढ़ जाता है।  जिन राशियों पर इसका दुष्प्रभाव पड़ता है उसके जातकों को मानसिक और शारीरिक परेशानी झेलनी पड़ती है । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह-नक्षत्रों में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह माने जाते हैं। शनि की उल्टी यानी वक्री चाल का सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ेगा । जानें किन राशियों के लोग रहें स

चैत्र नवरात्रि कब आरंभ होंगे जाने विशेष योग

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ज्योतिषाचार्य पंडित कपिल जोशी जी ने बताया कि शास्त्रअनुसार इस वर्ष चैत्र नवरात्रि विक्रमी संवत सर नल प्रर्यंत पिंगल 2080 शक 1945  दिन बुधवार उत्तराभाद्रपद नक्षत्र शुक्ल योग किंतुसब करण तथा मीन राशि स्थित चंद्रमा में 22 मार्च 2023 ईस्वी को चैत्र नवरात्रि का आरंभ हो रहा है इस साल चैत्र नवरात्रि पर मां अंबे नाव पर सवार होकर आ रही है. इसे देवी दुर्गा का शुभ वाहन माना जाता है. कहते हैं जब पृथ्वी पर माता नाव की सवारी कर आती हैं तो भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है. 9 दिन में किए हर काम में सफलता मिलती है. माता की सवारी वार पर निर्भर करती है. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन यानी 22 मार्च 2023 को बुधवार है. बुधवार पर मां का आगमन नौका पर होता है. वहीं देवी दुर्गा का विसर्जन 31 मार्च 2023 को होगा, इस दिन शुक्रवार होने से मां डोली पर सवार होकर प्रस्थान करेंगी. सिंह के अलावा मां अंबे का डोली, नाव, घोड़ा, हाथी भी वाहन है. इस साल चैत्र नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रतिपदा तिथि पर 22 मार्च 2023 को सुबह 06:29 से सुबह 07:39 तक घटस्थापना का शुभ मुहूर्त है. नवरात्रि में मां दुर्गा 9 दिन तक