जाने बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती पूजन का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य पंडित कपिल जोशी ने बताया की इस वर्ष विक्रमी संवत सर 2078 को माघ मास शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा यह पर्व 5 फरवरी 2022 दिन शनिवार को मनाया जाएगा इस दिन विशेष रुप से विद्या की देवी माता सरस्वती जी का पूजन किया जाता है विशेष रुप से हमारे शहर में संगरूर में बसंत पंचमी का उत्सव बड़ी धूमधाम से पतंग उड़ा कर मनाया जाता है बच्चे सुबह से ही अपने घरों की छतों पर पतंग उड़ाने का आनंद लेते हैं यह गीत संगीत के साथ साईं काल तक चलता रहता है 
माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन विद्या और कला की देवी सरस्वती जी की पूजा का विधान है। बसंत पंचमी से वसंतोत्सव की शुरुआत हो जाती है। ये वसंतोत्सव होली तक चलता है । इस उत्सव को मदनोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है । इस उत्सव की शुरुआत रतिकाम महोत्सव से होती है। इस साल बसंत पंचमी का पर्व 5 फरवरी 2022 को मनाया जाएगा
शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती जी का आगमन हुआ था इसलिए बसंत पंचमी को विद्या की देवी माता सरस्वती जी के दिन के रूप में मनाया जाता है बसंत पंचमी को विशेष तौर पर संगीत कला विद्या पठन-पाठन एवं नए कार्य को आरंभ करने के लिए सबसे अच्छा एवं अबूझ मुहूर्त माना जाता है इसलिए इस दिन से नए कार्यों की शुरुआत करना अच्छा माना जाता है। विशेषतौर पर कोई नई विद्या आरंभ करना, कोई नया काम शुरू करना, बच्चों का मुंडन संस्कार, अन्नप्राशन संस्कार, गृह प्रवेश या अन्य कोई शुभ काम करना बड़ा ही अच्छा माना जाता है
बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त

पंचमी तिथि प्रारंभ- 5 फरवरी तड़के 3 बजकर 48 मिनट से शुरू
पंचमी तिथि समाप्त- 6 फरवरी तड़के 3 बजकर 46 मिनट तक 

बसंत पंचमी पर ऐसे करें सरस्वती पूजन

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने के लिए सबसे पहले एक जगह को साफ कर लें और सरस्वती की प्रतिमा रखें। कलश स्थापित कर सबसे पहले भगवान गणेश का नाम लेकर पूजा करें।  सरस्वती माता की पूजा करते समय सबसे पहले उन्हें आमचन और स्नान कराएं। माता को पीले रंग के फूल अर्पित करें, माला और सफेद वस्त्र पहनाएं फिर मां सरस्वती का पूरा श्रृंगार करें। माता के चरणों पर गुलाल अर्पित करें। सरस्वती मां पीले फल या फिर मौसमी फलों के साथ-साथ बूंदी चढ़ाएं।  माता को मालपुए और खीर का भोग लगाएं। सरस्वती ज्ञान और वाणी की देवी हैं। पूजा के समय पुस्तकें या फिर वाद्ययंत्रों का भी पूजन करें

बसंत पंचमी के दिन करें छोटे बच्चों का अन्नाप्राशन संस्कार

जो लोग अपने छोटे बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार करवाना चाहते हैं, वो बसंत पंचमी के दिन कर सकते हैं। दरअसल, जो बच्चे अभी तक केवल अपनी माता का दूध पीते हैं, लेकिन अब आप उन्हें अन्न खिलाना शुरू करना चाहते हैं, तो आज का दिन बड़ा ही अच्छा है।

बसंत पंचमी के दिन दूध चावल की खीर बनाकर सबसे पहले देवी सरस्वती को उसका भोग लगाएं । फिर बच्चे को नये कपड़े पहनाकर, लकड़ी की चौकी पर बिठाकर, चांदी की कटोरी में चांदी की चम्मच से घर के बड़े-बुजुर्ग अपने हाथ से बच्चे को खीर खिलाएं। अगर चांदी की कटोरी और चम्मच में खिलाना संभव न हो तो घर में मौजूद स्टील की कटोरी, चम्मच से भी खिला सकते हैं

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ज्योतिषाचार्य पंडित कपिल जोशी
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