कल से आरंभ होंगे पितृपक्ष जाने!विशेष तिथियां एवं महत्व ?

ज्योतिर्विद् पंडित कपिल जोशी के अनुसार हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है। पितृ पक्ष के 16 दिनों में हम अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उन्हें श्राद्ध और तर्पण दिया जाता है। रमान्यता है पितृगण हमारे लिए देवता तुल्य होते हैं इस कारण से पितृ पक्ष में पितरों से संबंधित सभी तरह के कार्य करने पर वे हमें अपना आशीर्वाद देते हैं। मान्यता है पितर के प्रसन्न होने पर देवतागण भी हमसे प्रसन्न होते हैं। पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों का तर्पण नहीं करने हम पर पितृदोष लगता है। पितृ पक्ष का आरंभ आश्विन मास महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से होती है। इस वर्ष पितृपक्ष 20 सितंबर से शुरू होकर 06 अक्तूबर को समाप्त हो जाएगा। 
आइए जानते हैं पितृपक्ष 2021 की प्रमुख तिथियां...
पूर्णिमा श्राद्ध - 20 सितंबर
प्रतिपदा श्राद्ध - 21 सितंबर 
द्वितीया श्राद्ध - 22 सितंबर 
तृतीया श्राद्ध - 23 सितंबर 
चतुर्थी श्राद्ध - 24 सितंबर 
पंचमी श्राद्ध - 25 सितंबर 
षष्ठी श्राद्ध - 27 सितंबर 
सप्तमी श्राद्ध - 28 सितंबर 
अष्टमी श्राद्ध- 29 सितंबर
नवमी श्राद्ध - 30 सितंबर 
दशमी श्राद्ध - 1 अक्तूबर 
एकादशी श्राद्ध - 2 अक्तूबर 
द्वादशी श्राद्ध- 3 अक्तूबर 
त्रयोदशी श्राद्ध - 4 अक्तूबर 
चतुर्दशी श्राद्ध- 5 अक्तूबर 
अमावस्या.    - 6 अक्टूबर
पितृपक्ष का महत्व  
जिस तरह से देवी-देवता पूजनीय होते हैं ठीक उसी प्रकार हमारे पितर जो अब इस धरती पर नहीं वे भी बहुत पूजनीय माने जाते हैं। भाद्रपद पूर्णिमा से प्रारंभ होकर अमावस्या तक के 16 दिनों की अवधि पितृ पक्ष अर्थात श्राद्ध पक्ष कहलाती है। श्राद्ध पक्ष में पितर देव धरती पर अपने सगे संबंधियों से मिलने आते हैं और उनसे भोजन और तर्पण प्राप्त करते हैं। फिर पितृपक्ष के खत्म होने पर परिजनों को आशीर्वाद देकर पुन: स्वर्गलोक चले जाते हैं। पितृपक्ष में श्राद्ध और तर्पण का विशेष महत्व होता है।
महत्वपूर्ण सूचना   
धर्म एवं ज्योतिष से संबंधित रोचक एवं ज्ञानवर्धक जानकारियां प्राप्त करने के लिए पढ़ते रहे हमारे लेख
ज्योतिर्विद् पंडित कपिल जोशी
Sangrur .Pb 148001
Mob.     9814836930
              7986237982

Comments

Popular posts from this blog

जानिए ! पितृपक्ष में श्राद्ध किस दिन कौन सा श्राद्ध करें ?

जाने किस दिन करें इस नवरात्रि दुर्गा अष्टमी पूजन

What happened in KASHMIR