दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिर्विद् पंडित कपिल जोशी ने बताया कि दीपावली पूजन का शुभ मुहूर्त इस वर्ष दीपावली पूजन विक्रमी संवत सर 2077 शाक्य 1942 तिथि चतुर्दशी दिन शनिवार स्वाति नक्षत्र आयुष्मान एवं सौभाग्य योग 14 नवंबर 2020 दिन शनिवार को मनाई जाएगी शास्त्रानुसार 14 नवंबर को नरक चतुर्दशी एवं दीपावली दोनों एक ही दिन मनाए जाएंगे शनिवार के दिन दोपहर 2:18 तक चतुर्दशी तिथि रहेगी उसके उपरांत अमावस्या तिथि आरंभ हो जाएगी इसलिए इस दिन दीपावली 1पूजन प्रदोष काल में करना शास्त्र अनुसार उचित माना गया है
ध्यान देने योग्य बात जिन परिवारों में पितरों के निमित्त दीपावली वाले दिन या दीपावली की अमावस्या को पितरों के निमित्त पूजा की जाती है या मिट्टी निकाली जाती है और ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है उनका यह कर्म 15 नवंबर 2020 दिन रविवार को किया जाएगा
प्रदोष काल
14 नवंबर 2020 को 17 .26 से 20 पॉइंट 8 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा प्रदोष काल में वृष लग्न स्वाति नक्षत्र एवं लाभ की चौघड़िया रहने से 19 घंटे 7 मिनट से पहले श्री गणेश लक्ष्मी पूजन आरंभ कर लेना चाहिए इसी काल में ब्राह्मणों ब्राह्मणों को भेंट मिठाइयां बांटना शुभ रहेगा• Nashith Kal निशीथ काल
14 नवंबर 2020 ईस्वी को रात्रि 20 घंटे 8 मिनट से आरंभ होकर 22 घंटे तक 1 मिनट तक निश्चित कॉल रहेगा इसमें सुख की चौघड़िया 20 घंटे 48 मिनट से लेकर 22 घंटे 30 मिनट तक का तथा पुणे अमृत की चौघड़िया 22 घंटे 30 मिनट से रात्रि 24 घंटे 12 मिनट तक रहेंगे एवं निश्चित काल में भी 20 घंटे 39 मिनट के बाद पूजा के लिए सारा शेष समय शुभ एवं लाभप्रद रहेगा इस अवधि में श्री महालक्ष्मी पूजन समाप्त कर श्री सूक्त कनकधारा स्तोत्र तथा लक्ष्मी स्तोत्र आदि मंत्रों का जाप करना चाहिए
महा निशीथ काल रात्रि 22 घंटे का 1 मिनट से अर्द्ध रात्रि 25 घंटे 33 मिनट तक अनिश्चितकाल रहेगा इस समय अवधि में अमृतसर की चौघड़िया की अत्यंत शुभ है इस अवधि में काली उपासना तंत्र आदि करें विशेष काम में प्रयोग तंत्र अनुष्ठान साधनाएं एवं यज्ञ आदि करना शुभ फलदायक रहेगा 24 घंटे 3 मिनट से सिंह लग्न भी विशेष फलदायक रहेगा
• A ब्रह्म पुराण अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या के अर्धरात्रि के समय श्री लक्ष्मी देवी सद ग्रंथों के घर में जहां तहां विचरण करती हैं इसलिए अपने घर को अच्छी प्रकार से साफ सुथरा रखकर दीप मालिका करनी चाहिए ऐसा करने से भगवती श्री महालक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं तथा उस घर में भगवती लक्ष्मी जी स्थाई रूप से निवास करती हैं इस दिन यह अमावस्या प्रदोष काल एवं अर्धरात्रि व्यापिनी हो तो विशेष रूप से शुभ होती है इस दिन श्री महालक्ष्मी पूजन कुबेर पूजन काली पूजन लक्ष्मी पूजन बहीखाता पूजन आदि कृत्य करना अति शुभ माना गया है इस दिन प्रातः स्वच्छ होकर पितरों एवं देवताओं का पूजन करना चाहिए शाम के समय प्रदोष काल में एक चौमुखा दिया घर में जगाना चाहिए लाल वस्त्र एवं आसन पर भगवती श्री महालक्ष्मी जी श्री गणेश जी श्री मां सरस्वती जी कुबेर जी श्री महाकाली जी श्री राम दरबार आदि देवी-देवताओं की स्थापना करके अक्षत पुष्प नवेद से षोडशोपचार उनकी पूजा करनी चाहिए या किसी योग्य ब्राह्मण से पूजा करवानी चाहिए अपने घर में पत्नी सहित विशेषकर यह पूजा करने से घर में भगवती लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है इस दिन पूजन के उपरांत घर पर दीपमाला करनी चाहिए
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