किस दिन मनाएं विजयदशमी और शस्त्र पूजन का क्या है शुभ मुहूर्त
किस दिन मनाएं विजयदशमी और शस्त्र पूजन का क्या है शुभ मुहूर्त
ज्योतिर्विद् पंडित कपिल जोशी
ने बताया कि बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक पर्व है विजयदशमी भारत वासियों में या यूं कहें कि समस्त धरती पर इस पर्व को लेकर लोगों में बड़ा हर्ष और उल्लास रहता है इस वर्ष 2020 विक्रम संवत 2077को आश्विन शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि एवं नवरात्र की नवमी तिथि को लेकर आम जनता में भ्रम एवं असमंजस की स्थिति उत्पन्न हुई पड़ी है जनता जानना चाहती है कि आखिरकार विजय दशमी किस दिन मनाई जाए उस विषय को लेकर हम आपके सामने प्रस्तुत हुए हैं जैसा कि शास्त्रों में बताया गया है कि इस वर्ष रविवार 25 अक्टूबर 2020 को नवमी तिथि 7:41 तक रहेगी और उसके उपरांत दशमी तिथि आरंभ हो जाएगी 26 अक्टूबर 2020 को दशमी तिथि केवल 8:59 तक ही रहेगी परंतु हमारे यहां पर यह परंपरा है कि रावण दहन संध्याकाल में दशमी तिथि के समय या श्रवण नक्षत्र के उपलक्ष में किया जाता है सोमवार को नाही साईं काल को दशमी तिथि है और ना ही श्रवण नक्षत्र है इसलिए रविवार के दिन सायंकाल को दशमी तिथि पर रावण दहन करना शुभ रहेगा प्रातः काल 25 अक्टूबर 2020 दिन रविवार को सुबह 7:55 से लेकर 12:11 तक का समय शस्त्र पूजन श्री राम पूजन दशहरा पूजन एवं बहनों द्वारा अपने भाई की रक्षा के लिए उनके सिर एवं कान पर जो एवं हरियाली देने के लिए शुभ रहेगा अगर किसी कारण बस आप इस समय दशहरा पूजन एवं शस्त्र पूजन ना कर पाए तो दोपहर को 1:36 से लेकर 3:01 तक आप दशहरा पूजन कर सकते हैं दशहरा पूजन के दिन विशेष तौर पर श्री राम दरबार पूजन एवं दशहरा का पूजन किया जाता है इसके साथ शास्त्र पूजन का भी विधान है इस दिन भगवान श्री रामचंद्र जी ने रावण पर विजय प्राप्त की थी इस उपलक्ष में सभी भारतवासी श्री राम जी की पूजा करते हैं और अपने अपने शस्त्रों को भी पूजा के लिए घर में रखते हैं श्याम के समय रावण दहन के लिए शुभ समय शाम 5:55 से लेकर 7:27 तक शुभ रहेगा उसके उपरांत अमृत की चौकड़िया 7:27 से लेकर 9:01 तक शुभ रहेगी विशेष ध्यान देने योग्य बात जैसे कि आपको पहले बताया गया है कि जो तिथि प्रातः काल सूर्य नारायण भगवान को दर्शन देती है सारा दिन उसी तिथि की मान्यता मानी जाती है परंतु इस तोहार पर यह प्रथा इसलिए बदली जा रही है क्योंकि दशमी तिथि का अधिकतम भाग रविवार के दिन ही व्यतीत हो जाता है सोमवार के दिन सुबह प्रातः 8:59 तक ही दशमी तिथि रहती है यह तिथि साईं काल को के समय प्रस्तुत नहीं होती है इसलिए रविवार के दिन साईं काल को दशमी तिथि रहने से दशहरे का पर्व रविवार 25 अक्टूबर 2020 को ही मनाया जाएगा ज्योतिष एवं धर्म से संबंधित रोचक जानकारियां प्राप्त करने के लिए आप हमारे लेख को पढ़ते रहें
ज्योतिर्विद् पंडित कपिल जोशी
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